बुधवार, 27 जनवरी 2010

जय हो बाबा रामदेव!



बाबा रामदेव २७ जनवरी को बनारस में थे। बड़ागांव में एक सभा के बाद चंदौली में दो दिन के योग शिविर के लिए जा रहे थे। भोजूबीर से गुजरना था। आर्य समाज ने उनके स्वागत की तैयारी की थी। हमें भी कहा गया तो हम भी तैयार हो गए। करीब दो घंटे के इंतजार के बाद तक़रीबन रात ९ बजे बाबा भोजूबीर से गुजरे। हम लोगों ने चौराहे पर रोककर उनका स्वागत किया। जानकारी के मुताबिक बाबा का योग शिविर का कार्यक्रम सफल रहा। सुदूर गाँव में शायद बाबा का ये पहला कार्यक्रम था। लेकिन अब बाबा गाँव में समय देंगे।

बाबा रामदेव का ये अभियान रंग ला रहा है। परिवर्तन शुरू हो गया है, लेकिन सवा सौ करोड़ के इस देश में इसका पूरा असर दिखने में समय लगेगा। बाबा का योग गाँव-गिराव तक पहुँच गया है। अब भारत स्वाभिमान भी गाँव में दस्तक देने लगा है। लोग अभी तक सो रहे थे। अभी जागना शुरू किया है, अंगड़ाई ले रहे हैं। चेतना लौट रही है। कहा जाता है की आदमी सोने के बाद मर जाता है। जगता है तो जिंदा होता है। अब जागा है। जागने के बाद आदमी अलसाया रहता है। आलस जाने में समय लगता है।

आज़ादी की लड़ाई १८५७ में शुरू हुई, आज़ादी १९४७ में मिली। ९० साल लग गए आज़ादी पाने में। तो भारत को भ्रष्टाचार, सांस्कृतिक गुलामी से मुक्ति पाने में कुछ समय तो लगेगा, अगर उसकी अब शुरुआत हो रही है। ..................जय हिंद!

1 टिप्पणी:

  1. निश्चित रूप से बाबा रामदेव जी के प्रयास रंग लाएंगे। परिवर्तन तो इस देश में बहुत शीघ्र आ जाए, लेकिन यह मीडिया लाने दे तब ना।

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