गुरुवार, 5 मार्च 2009

प्रेम

मात्र प्रेम का द्योतक आँचल, पितृ प्रेम का साया।
जीवन उसका सफल हो गया, जिसपर इनकी छाया॥

प्राणी श्रेष्ठ बने वे सारे, जिनका जीवन सागर।
प्यार ही बांटा इस दुनिया में, सबका दुःख अपनाकर॥

प्रेम बड़ा वही होता है, जो सबको आनंदित करता।
सबके दुःख में भागी बनकर, उनके कष्टों को भी हरता॥

आशा जीवन श्रेष्ठ है, जिसमें कुछ हो आश।
प्यास बिना सब व्यर्थ है, जीवन हुआ हताश॥

जय हिंद!